Sunday, November 16, 2008

मालेगांव विस्फोट में तीन लोग अब भी वांछित .ं डीजीपी

मुम्बई नासिक 16 नवम्बर पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने आज कहा कि मालेगांव विस्फोट के मामले में कम से कम तीन लोग अब भी वांछित हैं जबकि गिरफ्तार लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस पुरोहित पर कथित धोखाधड़ी से बंदूक का लाइसेंस हासिल करने का एक और मामला दर्ज किया गया है।पुलिस महानिदेशक एएन राय ने प्रेट्र से कहा 29 सितंबर के मालेगांव विस्फोट मामले में कम से कम तीन लोग अब भी वांछित हैं जिसमें अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका र्र्है।ंंउन्होंने कहा कि मामले में जांच अभी जल्द समाप्त होने वाली नहीं है।राय ने इस सवाल पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि क्या आतंकवाद विरोधी दस्ता .ंएटीएस.ं मालेगांव के अतिरिक्त 2004 के जालना और 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोट में भी गिरफ्तार लोगों की संभावित भूमिका की जांच कर रहा है।गिरफ्तार लोगों में से आठ को कल अदालत में पेश किया जाना है क्योंकि उनकी न्यायिक हिरासत समाप्त हो रही है।जिन लोगों को अदालत में पेश किया जाना है उनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पूर्व सेनाधिकारी रमेश उपाध्याय और अभिनव भारत का सदस्य समीर कुलकर्णी भी शामिल है। दूसरी ओर पुरोहित के खिलाफ जाली दस्तावेजों के आधार पर पुणे के एक नागरिक के लिए हथियार लाइसेंस हासिल करने का मामला भी दर्ज किया गया है।यह मामला पुणे के निवासी शिरीष यशवंत दाते ने दर्ज कराया है। सेना के अधिकारी को उसके परिवार के माध्यम से जानने वाले शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसने पुरोहित को रिवाल्वर का लाइसेंस हासिल करने के लिए 20 हजार रुपये दिए थे।सूत्रों ने बताया कि पुरोहित ने लाइसेंस हासिल करने के लिए जो दस्तावेज सौंपे उनमें दर्शाया गया कि दाते देवलाली सैन्य शिविर में रह रहा था।पुलिस ने बताया कि दाते को जब मालेगांव विस्फोट में पुरोहित की गिरफ्तारी की जानकारी मिली तो उसने नासिक से हासिल अपने लाइसेंस के बारे में सच जानने का फैसला किया और पाया कि इसके लिए फर्जी दस्तावेज जमा किए गए। इसके बाद वह खुद शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस के पास आया।पुरोहित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 465 468 471 और 474 के तहत मामला दर्ज किया गया है।पुरोहित फिलहाल 18 नवम्बर तक के लिए पुलिस हिरासत में है। उसपर जम्मू कश्मीर से 60 किलोग्राम विस्फोटक हासिल करने का आरोप है जिसका एक हिस्सा संभवत.ं मालेगांव धमाके के लिए इस्तेमाल किया गया।पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या 2004 के जालना और 2007 के समझौता एक्सप्रेस विस्फोटों के लिए भी आरडीएक्स की आपूर्ति की गई।

3 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

ye to chalta rahega, narayan narayan

Amit K Sagar said...

ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है. खूब लिखें, खूब पढ़ें, स्वच्छ समाज का रूप धरें, बुराई को मिटायें, अच्छाई जगत को सिखाएं...खूब लिखें-लिखायें...
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आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं.
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अमित के. सागर
(उल्टा तीर)

रचना गौड़ ’भारती’ said...

आपने बहुत अच्छा लिखा है ।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
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